Thursday 1 October 2015

प्रेमी यादव जी

"प्रेमी यादव जी"

हरदम मन-मौजी रहेवाला यादव जी एकदम से एतना जिम्मेवार कईसे हो गइले? एह बात पर उनके अधिकतर जानकार  आज भी आश्चर्य  में बाड़े।लेकिन,जवन भट्ठी के चमक आज,उनका चेहरा पर बा, कुछ साल पहिले ना रहे। अइसन लागता की यादव जी के खातिर मारकेट में, जवानि के कउनो नया डेफिनिशन लॉन्च भइल बा। ढाई साल से सांप जईसन फोफीयात रहे वाला यादव जी के हालत मदारी के पिटारी में बंद सांप जईसन ना होई, त आउर कईसन होई? सोचे ले कि तिवारी जी के "प्यार बा बलवान" के फेरा में  ना पड़ल रहती,त आज ई हाल में ना होइति,बाकी आखिर में मुस्काइये  देवेले यादव जी। आखिर..कौनो... थोड़ी ना आ के सब पुरनका जइसन कर दी।
स्कूल के बेरा से रजनी के आगे-पीछे घुरिआय वाला यादव जी, जब पहिलके दिन आपन सर्वस्त्र उनका पर लुटा दिहले ,तब शायद उनकर अरमान बहुत ऊँच रहल होंई। एक दिन बहुते हिम्मत बटोर के यादव जी रजनी से मोबाइल नंबर माँग लिहले। यादव जी लगले रोज बतियावे। प्रेम के अगिलका राउंड फायर भईल,
दुनो ईओर से एक दूसरा के खातिर दिल के दुआरी खुल गईल।बात आगे बढ़ल, गाड़ी आगे बढ़े लागल। समय बितल,कॉलेज के अंतिम दिन सब तरफ यादव जी के टॉप करे के चर्चा फ़ैल रहल बा...यादव जी के फोन बाजल...यादव जी हम रजनी, रउआ टॉप कईके भूल गईनी का हमके, की कउनो आउर से त नईखी...??हम रउए हई, बुझनी नु। मिले आई परसो त...😤
यादव जी प्रेम में गदराईल मन से रजनी "I LOVE YOU FOR EVER" कहके फोन रख देहले। बस रजनी के उम्मीद में आजूओ जिमेवारी निभावत बाड़न।
आज भी यादव जी के प्रेम पुष्पित होखे के  इंतेजार में बा...
अनुराग रंजन
छपरा(मसरख)

No comments:

Post a Comment