Sunday 14 February 2016

वामपंथी मोहब्बत का एक और खत...

वामपंथी मोहब्बत का एक और खत...

असित सर के परमिला भौजी,अतुल भईया के पिंकी जी और सौरव सर के वामपंथी मोहब्बत के सभी चाहने वालो को मेरा प्यार भरा नमस्कार।

असित सर के ललका गुलाब,अतुल भईया के पिंकिया के नाम के लभ का पाना आ सौरव सर के वामपंथी मुहब्बत के धूम के बीच एक ब्रेकिंग न्यूज़ ये है की कुछ बड़े नाम वाले लोगो की शर्मनाक कृत्य सामने आ रही है। माने पोस्ट को चुरा के अपना नाम से हिट कराने की परंपरा। पर इसके साथ ही इनके(शायद हमारे भी) चाहने वालो की पारखी नजर से इन सब का बच पाना नामुमकिन है। ऐसे चोरों की लंका में आग लगाने का काम हम जइसे हनुमानों ने शुरू कर दिया है। उन्हीं लोगो और अपने चाहने वालों को समर्पित मेरी ये कविता...

वे हमारा चुरायेंगे,हम उन्हें ढूढ़ कर निकालेंगे।
वे अपना कहेंगे, हम उन्हें घसीट कर तड़पायेंगे।।

बलिया वालों का चुराओगे,मशरख वाले भी कह के मारेंगे।
हमें लिखने से ना रोक पाओगे,तुम खुद एकदिन शर्म से मर जाओगे।।

तुम जब तक आजमाओगे,हम तब तक असिलयत बताएँगे।
अब रुक भी जाओगे,तो भी अब हम तुम्हे माफ़ नही कर पाएंगे।।

हम डंके की चोट पर तुम्हे नचाएंगे,तुम नाचते-नाचते थक जाओगे।
जनाजे पर खुद से लजाओगे,लोग तुम्हे विदाई भी देने ना आएंगे।
शेम ऑन यू चीटर्स...

इस समस्या से निदान के लिए सभी लेखको से मेरा विनम्र निवेदन है की गूगल प्ले स्टोर से ब्लॉगर का 6-7 एमबी का ऍप इंस्टॉल कर जीमेल अकाउंट से अपना ब्लॉग बना ले। प्रत्येक पोस्ट से पहिले वहाँ पोस्ट करने के बाद ही फेसबुक पर डाले। समस्या आने पर इनबॉक्स में मिले। सभी ओरिजीनल लेखकों का अपना साथी..
अनुराग रंजन
छपरा(मशरख)



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