Friday 29 April 2016

समाज के असल निर्माता


"ये है समाज के असल निर्माता"

आज वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा का वह दौर है जहाँ स्तरीय शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। स्तरीय शिक्षा के भी अलग-अलग मायने है:- आज स्तरीय शिक्षा को महँगे स्कुल-कॉलेज से जोड़कर देखा जाता है। हाँ, यह सच है की महँगे स्कुल कॉलेजों में वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध होती है जिनके बलबूते आसमां की बुलंदियों पर आसानी से पहुंचा जा सकता है। पर क्या हर व्यक्ति, हर छात्र इतना सामर्थ्यवान है की वो इन स्कुल कॉलेजों में शिक्षा अर्जित कर सके?? इसलिए आज हम आपको सारण जिले के ऐसे गाँव से जुडी कहानी बताऊंगा जिसने न केवल सकारात्मक सोच को बढ़ावा दिया है अपितु शिक्षा के झेत्र में कई नए आयाम स्थापित किये है। तो लीजिये पेश है ये पूरी रोचक दास्तान.... 

सारण जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर तथा मांझी प्रखंड कार्यालय से 12 किलोमीटर दूर अवस्थित है नसीरा ग्राम और यहां है एक ऐसा शैक्षणिक संस्थान, जिसके संस्थापक ने बीड़ा उठाया है गरीब और पिछड़े बच्चों को स्तरीय शिक्षा दिलाने का वो भी पूर्णतः निशुल्क!

10 मई 2015 को युवा अवनीश कुमार शर्मा ने निशुल्क विद्यालय "देव कुमार शर्मा पब्लिक स्कुल" की स्थापना की। आज यह विद्यालय नर्सरी से कक्षा 5 तक के लगभग 50 बच्चों को शिक्षित बनाने के पवित्र कर्तव्य का निर्वहन कर रहा है।

इस विधालय में ना केवल निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है  अपितु किताबें और पठन-पाठन की सामग्री भी उपलब्ध कराई जाती है। संस्थापक परिवार का मूल उदेश्य पुरे को गाँव के बच्चों को शिक्षित करना है जो आगे चलकर बड़े-बूज़र्गों को शिक्षित करेंगे।

मुख्यतः गौर करने वाली बात यह है की ग्राम नसीरा से सटे कोहारा बाजार पर 10 से 12 निजी विधालय शिक्षा प्रदान कर रहे है। परंतु गरीब परिवार चाहकर भी अपने बच्चों का नामांकन इन विद्यालयों में नही करा पाते। ऐसे में देव कुमार शर्मा पब्लिक स्कूल का संचालन न केवल इन ग्रामीण परिवारों के लिए अलादीन का चिराग बनकर आया है सामने आया है वरण उनके बच्चों को उँची शिक्षा दिलाने के लिए एक सार्थक कदम भी है।

कुछ ही दिनों में अपने दूसरे वर्ष में प्रवेश करने जा रहा यह विधालय परिवार जब कभी पीछे मुड़कर देखेगा तो उसे वह सपना साकार होते प्रतीत होगा जो उन्होंने कभी इन बच्चों और परिवारों के लिए देखा था।
तो आईये ना हम इन्हें  प्रोत्साहित कर इनका मनोबल बढ़ाये और समाज के उत्थान हेतु अपने कर्तव्य का पालन करें। इस आशा एवं विश्वास के साथ की जल्द ही यह विधालय कक्षा 5 से 10वीं तक का सफर तय करेगा, पूरी 'देव कुमार शर्मा पब्लिक' परिवार को मेरा सादर प्रणाम एवं सलाम।
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Tuesday 5 April 2016

तईयारी रखे के ख़ास बा

#भोजपुरी #माटी-8

तइयारी रखे के ख़ास बा(हकीकत)

ना जाने ए घरी आपस में कवन दू दांव-पेंच खेलल जात बा,
अपनवला के बाद जरूरत परला प लात मार दिहल जात बा।

भाई के भाई से लड़ावे ला रोज नाया नाया तरकीब बनावल जात बा,
एने के बतिया ओने करे वालन के भाव बढ़ावल जात बा।

पड़ोसी आपन बात पड़ोसिये से बतावे में ही हिचकिचात बा,
नियरा के लोग से जादे ए घरी दूर के लोग से मदद मांगल जात बा।

छल-कपट के बात भईल आम बा,एहिसे लोग के विश्वास टुटल आज बा,
विश्वास के नाव आज पइसा रुपया के दिहल जात बा।

कहे अनुराग, आपस में मेल-मिलाप के जरूरत जब आज बा,
त काहे दुश्मनी के बिया छीटे ला खेत के फरहर कईल जात बा।

आगे बढ़े ला अपने आपन के टँगरि घिची के इनार में फेके ला तईयार बा,
सम्भावित खतरन् से अपना के बचावे ला,तइयारी रखे के ख़ास बा।
अनुराग रंजन
छपरा(मशरख)
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